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प्राणधारा की कथावस्तु

प्राणधारा की कथावस्तु

  • संसाधनो का अपर्याप्त वितरण
  •  गरीब वर्ग और अमीर वर्ग का होना
  • पानी की संसार में आवश्यकता पर निबंध
  • समाज में ऐसा वर्ग है जो रोज की आवश्यकताओं के लिए न्यूनतम मात्रा में पानी के लिए तरसता है ।
  • दूसरी तरफ ऐसा वर्ग जो बांगलो में रहता है जिसके जीवन में पानी की कोई कमी नहीं है ना ही वह दूसरों के प्रति सहानुभूति रखता है।
  • आवश्यकता पड़ने पर निर्धन लोगों को अपने प्रयोजन के लिए इस्तेमाल करने में भी नहीं  चुकते।
  • राव साहब सस्ती जमीन खोदकर अपना बंगला बनवाते हैं। जहां पहले पानी नहीं था।
  • पानी के लिए सभी तीन बस्ती बस्तियां के लोगों के दस्तखत करवाए जाते हैं। सबको उपभोक्ताओं के रूप में म्युनिसिपालिटी को दिखाया जाता है।
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  • सुविधाओं के कारण जमीन की कीमत कई गुना बढ़ जाती है लेकिन झोपड़ी वालों को यह सुविधा नहीं मिलती राव साहब को इसकी कोई परवाह नहीं है।
  • जहां गांव के लोग रहते हैं वहां सार्वजनिक क्षेत्र पर नल पर कुछ ही समय के लिए पानी आता है।
  • अम्माजी, सत्यवती, तविटम्मा का सार्वजनिक नल से पानी प्राप्त होने की कोई उम्मीद नहीं ना होना, क्योंकि बस्ती के लोगों की संख्या एक  नल पर काफी ज्यादा थी।
  • गांव में पानी की किल्लत बढ़ जाने के कारण गांव के कुछ लोग राव साहब के बंगले जाते हैं जहां राव साहब ने भयंकर कुत्ते पाले हुए हैं।
  • अम्मा जी उसे बढ़ई की बेटी है जिसने राव साहब से पानी भरने की छूट के लिए हामी  भरवाई थी।
  • पानी भरने की बात पर अम्माजी की उपेक्षा होती है।
  • चलो भर लो, अब नहीं, बाद में आना कोई मना कर देता है।
  • खिलवाड़ कर अपना मनोरंजन करते हैं।
  • किंतु गांव के लोगों के पास दूसरा कोई रास्ता भी नहीं है।
  • आधे मिल तक कोई नल नहीं है।
  • बंगले के लोग गांव के लोगों को कुत्ता छोड़ने की धमकी देते हैं।
  • भीड़ बढ़ने पर झगड़ा हो जाता है।
  • भीड़ में से अप्पायम्मा नाम की स्त्री बीच में मध्यस्थता करती है।
  • वह अपनी व्यवहार को चला के कारण अपने लिए और दूसरी स्त्रियों के लिए पानी ले लेने की अनुमति ले लेती है।

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