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श्रीकांत वर्मा  भटका मेघ २
हँसों हँसों जल्दी हँसों (रघुवीर सहाय)
आत्महत्या के विरुद्ध (रघुवीर सहाय)
 पता नहीं (गजानन माधव मुिक्तबोध)
 एक नीला दरिया बरस रहा (शमशेर बहादुर सिंह)
सुमित्रानंदन पंत (पर्रिवतन)